सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

उत्तराखण्ड का चुनावी इतिहास

उत्तराखण्ड चुनावों के बारे में जानने से पहले हम आपको इसके चुनावी इतिहास का एक दर्शन पर लिए चलते हैं ! 
नित्यानंद  स्वामी
भगत सिंह कोशियारी
नारायण  दत्त  तिवारी

भुवन  चन्द्र  खंडूरी
रमेश  पोखरियाल  निशंक
उत्तराखण्ड उत्तरप्रदेश से प्रथक होने के बाद से २ बार चुनावी चुनोतियों से रूबरू हुआ है  राज्य गठन के बाद भारतीय  जनता  पार्टी की सरकार के पहले मुख्यमंत्री श्री नित्यानंद स्वामी ने उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में ९ नवम्बर २००० को शपथ ली !


उत्तराखण्ड के मुक्यमंत्री एवं उनका कार्यकाल :-  

०१  नित्यानंद  स्वामी ९  नवम्बर २०००  से २९ अक्टूबर  २००१  भारतीय जनता पार्टी 
०२  भगत सिंह कोशियारी 30 अक्टूबर २००१  से १  मार्च  २००२  भारतीय  जनता  पार्टी
०३  नारायण  दत्त  तिवारी २  मार्च २००२ से ७ मार्च २००७ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री)
०४  भुवन  चन्द्र  खंडूरी ८ मार्च  २००७ से २३ जून २००९   भारतीय  जनता  पार्टी
०५   रमेश  पोखरियाल  निशंक २४  जून २००९  से १०  सितम्बर २०११  भारतीय  जनता  पार्टी
०६ भुवन  चन्द्र  खंडूरी ११  सितम्बर  २०११ से वर्तमान भारतीय  जनता  पार्टी

 उत्तराखण्ड की जनता को इतने कम समय में काफी चुनोतियों का सामना करना पड़ा है! एक बार कांग्रेस को और एक बार भाजापा को सत्ता सोंपने के बाद भी यहाँ की जनता में असंतुष्टि साफ दिखाई  देती है ,   इस दृष्टि से इस बार के चुनाव और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं! जनता के पास तीसरा कोई विकल्प न होने के कारण भाजपा या कांग्रेस में से किसी एक को जिताना उसकी मजबूरी सी हो गयी है! उत्तराखण्ड क्रांति दल निजी  स्वार्थो के कारण बिखर गया है!  पी और डी  में विभाजित  हुआ उक्रांद  इन चुनावों में कुछ खास करने की स्तिथि  में नहीं दिखाई दे रहा है!  इन  चुनावो में सारे  दलों की रणनीति देखने  लायक होगी क्योंकि राज्य में इस बार किसी को भी पूर्ण बहुमत मिलना काफी मुश्किल लग रहा है!





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